धनतेरस पर्व का महत्व

धनतेरस पर्व का महत्व

हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है

हिंदू धर्म में सबसे प्रमुख त्योहारों में से दीपावली का पर्व बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. दीपावली का पर्व पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है जो धनतेरस से शुरू होकर और भाई दूज तक चलता है. 5 दिनों तक बड़े धूमधाम से सनातन धर्म को मानने वाले लोग इस पर्व को मानते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है.शस्त्रों के अनुसार इस तिथी पर समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे इसीलिए धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है भगवान धन्वंतरि को भगवान विष्णु का ही अंश माना जाता है

धनतेरस के पर्व पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त 
पंचांग के अनुसार धनतेरस के दिन यानी की 10 नवंबर को दोपहर 12:35 से लेकर 11 नवंबर की सुबह तक खरीदारी का शुभ मुहूर्त है

इस दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी ,भगवान गणेश और कुबेर देव की पूजा की जाती है पूजा का शुभ मुहूर्त है 10 नवंबर दिन शुक्रवार को शाम 7:46 से शाम 7:45 तक पूजा का शुभ मुहूर्त है

धनतेरस पर क्या-क्या खरीदना शुभ होता है

धनतेरस के दिन सोना-चांदी के अलावा बर्तन, वाहन और कुबेर यंत्र खरीदना शुभ होता है। 
इसके अलावा झाड़ू खरीदना भी अच्छा माना जाता है। मान्यता है इस दिन झाड़ू खरीदने से मां लक्ष्मी मेहरबान रहती हैं।
वहीं यदि धनतेरस के दिन आप कोई कीमती वस्तु नहीं खरीद पा रहे हैं तो साबुत धनिया जरूर घर ले आएं। 
मान्यता है इससे धन की कभी कमी नहीं होती है। इसके अलावा आप गोमती चक्र भी खरीद सकते हैं। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।