हॉकी क्यों है भारत का राष्ट्रीय खेल, यहाँ जानिए।

हॉकी क्यों है भारत का राष्ट्रीय खेल, यहाँ जानिए।

हॉकी वह खेल है जिसने भारत को अन्तरराष्ट्रीय मंच पर गर्व महसूस कराया है। हॉकी का खेल भारतीय सभ्यता की एक अभिन्न अंग है और इसे विश्व धरोहर स्थलों पर चित्रित किया गया है। यह खेल एक टीम खेल है जिसमें दो टीमें होती हैं, और प्रत्येक टीम का उद्देश्य होता है कि वे अपने विरोधी की गोल पर सबसे अधिक गोलें करें।

खेल की शुरुआत और विकास

हॉकी का इतिहास बहुत पुराना है। यह माना जाता है कि इस खेल की शुरुआत मिस्र में हुई थी। इसके बाद यह खेल धीरे-धीरे यूरोप तक पहुंचा, जहां इसने अपनी वर्तमान रूप प्राप्त की।

हॉकी के नियम

हॉकी के मैदान का आकार 91.4 मीटर लंबा और 55 मीटर चौड़ा होता है। इसमें दो टीमें होती हैं, प्रत्येक टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं। खेल का समय 60 मिनट का होता है, जिसे दो हाफ में विभाजित किया जाता है।

हॉकी में खिलाड़ी को विशेष नियमों का पालन करना होता है। उदाहरण के लिए, खिलाड़ी को बॉल को हॉकी स्टिक के दायां पक्ष से ही मारना होता है। यदि बॉल हवा में उछाला जाता है, तो उसे गोल नहीं माना जाता है।

भारत में हॉकी

हॉकी के माध्यम से भारत ने अपनी पहचान विश्व में स्थापित की है। भारत ने ओलंपिक गेम्स में हॉकी में सुनहरे पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। महान खिलाड़ी ध्यानचंद ने हॉकी को नई ऊचाईयों तक पहुंचाया। उनकी अद्वितीय हॉकी खेलने की कला ने उन्हें 'हॉकी का जादूगर' के रूप में जाना जाता है।

आज भी हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है, और इसे देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े उत्साह के साथ खेला जाता है। हॉकी के माध्यम से हमने सामर्थ्य, समन्वय, टीमवर्क, और निर्णायकता की महत्ता सीखी है।