कोविड-19 महामारी के दौरान टेलीमेडिसिन की उभरती हुई भूमिका

कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया में चिकित्सा प्रणाली की सीमा और संचार में चुनौतियों को उजागर किया

कोविड-19 महामारी के दौरान टेलीमेडिसिन की उभरती हुई भूमिका

महामारी में चिकित्सा सेवाओं की पहुंच को बनाए रखने के लिए टेलीमेडिसिन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

टेलीमेडिसिन क्या है?

टेलीमेडिसिन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मरीज और चिकित्सक दूरी पर रहकर डिजिटल साधनों के माध्यम से संपर्क करते हैं। यह वीडियो कॉलिंग, ऑनलाइन चैट या अन्य डिजिटल माध्यमों के माध्यम से हो सकता है।

महामारी के दौरान टेलीमेडिसिन की भूमिका:

  1. सुरक्षित उपचार: कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लोगों को घर पर रहने की सलाह दी गई थी। इस परिस्थिति में, टेलीमेडिसिन ने मरीजों को चिकित्सक से संपर्क करने का सुरक्षित तरीका प्रदान किया।

  2. नियमित उपचार की प्रतिबद्धता: महामारी के चलते हुए भी, कई मरीजों को अन्य बीमारियों के लिए नियमित चेकअप और उपचार की आवश्यकता थी। टेलीमेडिसिन ने उन्हें इस सेवा की पहुंच प्रदान की।

  3. चिकित्सा संसाधनों का अधिकतम उपयोग: हॉस्पिटल में अधिकांश बेड्स और संसाधन कोविड-19 मरीजों के लिए संरक्षित किया गया था। टेलीमेडिसिन ने अन्य मरीजों को भी उपचार की पहुंच सुनिश्चित की।

  4. मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ: महामारी ने लोगों में चिंता, अवसाद और अन्य मानसिक समस्याओं को बढ़ावा दिया। टेलीमेडिसिन ने मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों से संपर्क करने का माध्यम प्रदान किया।

निष्कर्ष:

कोविड-19 महामारी ने चिकित्सा प्रणाली में डिजिटल प्रौद्योगिकी की आवश्यकता और महत्व को सामने लाया। टेलीमेडिसिन की उभरती हुई भूमिका ने स्वास्थ्य सेवाएं गणराज्य के सबसे दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचाई, और इसे आज के डिजिटल युग का अभिन्न हिस्सा माना जाता है।