इस्राइल-पैलेस्टीन युद्ध: मूल समस्या और प्रमुख घटनाएँ

इस्राइल-पैलेस्टीन युद्ध: मूल समस्या और प्रमुख घटनाएँ

इसकी जड़ें वहाँ की भूमि, धार्मिक और राष्ट्रीयता की संघर्षों में हैं।

मूल समस्या:

  • भूमि की समस्या: इस्राइल और पैलेस्टीन दोनों इसी भूमि को अपना मानते हैं। यहूदी मानते हैं कि भगवान ने इस भूमि को उन्हें सौंपा है, जबकि पैलेस्टीनियों का मानना है कि वे हजारों साल से इसी भूमि पर बसे हुए हैं।

  • राष्ट्रीयता: 20वीं शताब्दी के प्रारंभ में, यहूदी राष्ट्रीयता आंदोलन (सियोनिज़्म) ने एक सुरक्षित यहूदी राष्ट्र की मांग की। इसी समय, पैलेस्टीनी नागरिक भी अपनी पहचान और राष्ट्रीयता की मांग कर रहे थे।

  • धार्मिक संघर्ष: जेरूसलम तीन प्रमुख धर्मों (यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम) के लिए पवित्र है, और इसके परिणामस्वरूप इस शहर के नियंत्रण के लिए संघर्ष होता रहा है।

प्रमुख घटनाएँ:

  1. 1947 का विभाजन प्रस्ताव: संयुक्त राष्ट्र ने एक योजना प्रस्तुत की जिसमें पैलेस्टीन को दो राष्ट्रों में विभाजित किया गया था - एक यहूदी और एक अरब राष्ट्र।

  2. 1948 का इस्राइली स्वतंत्रता संघर्ष: इस्राइल ने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की, जिसके परिणामस्वरूप पहला अरब-इस्राइली युद्ध शुरू हुआ।

  3. 1967 का षड्यन्त्र युद्ध: इस्राइल ने गाजा पट्टी, पश्चिमी किनारा, सीनाई प्रयद्वीप और गोलान हाइट्स पर नियंत्रण प्राप्त किया।

  4. इंटिफादा: पैलेस्टीनियों ने दो बड़े उपवासों का संचालन किया - पहला 1987 में और दूसरा 2000 में, जिससे इस्राइल और पैलेस्टीन के बीच संघर्ष और भी तीव्र हुआ।

यह संघर्ष आज तक जारी है और इसका समाधान ढूंढना अभी भी विश्व समुदाय के लिए एक प्रमुख चुनौती है।