जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है

जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है

जन्माष्टमी का त्योहार भारतीय कैलेंडर के भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

महत्व:

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म धर्म, न्याय और धार्मिकता की स्थापना के लिए हुआ था। उन्होंने अधर्म, अन्याय और बुराई पर विजय प्राप्त की थी। उनका जीवन संदेश देता है कि अच्छाई हमेशा बुराई पर प्रधान रहती है।

जन्माष्टमी की रात्रि:

जन्माष्टमी की रात्रि को लोग उपवास रखते हैं और अधिकतर मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति का जन्मोत्सव बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। भजन-कीर्तन, नृत्य और भगवान की कथाएं सुनाई जाती हैं।

रासलीला:

जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के जीवन से संबंधित रासलीला का आयोजन भी होता है, जिसमें उनके जीवन की प्रमुख घटनाओं का चित्रण किया जाता है।

महाभारत और भगवद गीता:

भगवान श्रीकृष्ण का महत्व उनकी उपदेशों में भी दिखाई पड़ता है, जो वह अर्जुन को कुरुक्षेत्र के मैदान में दिए थे। यह उपदेश हमें 'भगवद गीता' के रूप में मिलते हैं, जिसे धार्मिक ग्रंथ के रूप में माना जाता है।

निष्कर्ष:

जन्माष्टमी न केवल भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की याद में मनाई जाती है, बल्कि यह त्योहार हमें अच्छाई, धर्म और कर्तव्यपरायणता की महत्वपूर्ण शिक्षाएं भी देता है।