15 अगस्त और भारत की आजादी

15 अगस्त और भारत की आजादी

15 अगस्त 1947 को भारत ने अंग्रेजी शासन से मुक्ति पाई। इस दिन को हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं। यह वह दिन है जब भारतीय जनता की लंबी और कठिनाई भरी संघर्षों का परिणाम सामने आया।

  1. संघर्ष की शुरुआत: 1857 की क्रांति से लेकर 1947 तक का समय भारत के स्वतंत्रता संग्राम का अहम हिस्सा था। इस दौरान अनेक नेता, समाजसेवी और युवा ने अपनी जान की बाजी लगा दी ताकि भारत को आजादी मिल सके।

  2. अहिंसा का मार्ग: महात्मा गांधी ने अहिंसा के माध्यम से सत्याग्रह आंदोलन चलाया, जिससे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ।

  3. जलियांवाला बाग और नमक सत्याग्रह: जलियांवाला बाग में हुए नरसंहार ने भारतीय जनता में अंग्रेजी शासकों के प्रति विरोध की भावना को और बढ़ा दिया। नमक सत्याग्रह में महात्मा गांधी ने अंग्रेजी साम्राज्य के खिलाफ जन जागरण किया।

  4. आजादी की राह में अनेक योद्धा: सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सरदार पटेल, जवाहरलाल नेहरु और अनेक अन्य नेताओं ने स्वतंत्रता की राह में अपार योगदान दिया।

  5. 15 अगस्त, 1947: इस दिन, जवाहरलाल नेहरु ने 'त्रिस्ति शताब्दी की मध्यरात्रि' पर भारतीय संसद में अपने प्रसिद्ध भाषण 'जब जब जगत में' को प्रस्तुत किया।

जब हम 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं, हम उन सभी वीरों की याद में श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने अपनी जान की कीमत पर भारत को आजादी दिलाई। यह दिन हमें यह सिखाता है कि स्वतंत्रता की कीमत कितनी अनमोल है और इसे संजीवनी रूप से बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।