सोशल मीडिया के ज्यादा प्रयोग से बढ़ सकता है डिप्रेशन। जाने क्यों...!!
सोशल मीडिया का प्रयोग और डिप्रेशन के बीच संबंध अनेक अध्ययनों में अध्ययन किया गया है। यह तो सत्य है कि कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि ज्यादा समय सोशल मीडिया पर बिताने से व्यक्तियों में डिप्रेशन के लक्षण बढ़ सकते हैं, लेकिन यह भी सत्य है कि सभी व्यक्तियों पर इसका प्रभाव समान नहीं होता।
सोशल मीडिया का प्रयोग और डिप्रेशन के बीच संबंध अनेक अध्ययनों में अध्ययन किया गया है। यह तो सत्य है कि कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि ज्यादा समय सोशल मीडिया पर बिताने से व्यक्तियों में डिप्रेशन के लक्षण बढ़ सकते हैं, लेकिन यह भी सत्य है कि सभी व्यक्तियों पर इसका प्रभाव समान नहीं होता।
आइये इस लेख के माध्यम से कुछ मुख्य कारण जिनसे सोशल मीडिया प्रयोग डिप्रेशन के लक्षणों में वृद्धि कर सकता है, निम्नलिखित हैं:
तुलना करना: लोग अक्सर अपने जीवन को दूसरों के जीवन से तुलना करते हैं, जिससे असंतोष और अवसादित अनुभूति हो सकती है।
फिजिकल संपर्क की कमी: सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताने से फिजिकल दुनिया में संपर्क की कमी हो सकती है, जो कि एकता और अलगाव की भावना पैदा कर सकती है।
स्लीप पैटर्न में परेशानी: सोशल मीडिया का ज्यादा प्रयोग स्लीप के पैटर्न को प्रभावित कर सकता है, जिससे थकावट और डिप्रेशन का जोखिम बढ़ सकता है।
नेगेटिव जानकारी: सोशल मीडिया पर नेगेटिव और डिस्ट्रेसिंग जानकारी की अधिकता हो सकती है, जिससे व्यक्ति अधिक चिंतित और डिप्रेश्ड महसूस कर सकते हैं।
हालांकि, यह भी महत्वपूर्ण है कि हर व्यक्ति का प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर होने वाली सामग्री को देखकर अलग होता है। कुछ लोगों को इससे आराम महसूस होता है, जबकि दूसरों को इससे परेशानी हो सकती है।
अगर किसी व्यक्ति को लगता है कि उसके सोशल मीडिया के प्रयोग से डिप्रेशन के लक्षण हो रहे हैं, तो उसे मनसिक स्वास्थ्य पेशेवर से सलाह लेनी चाहिए।